कर्नल सुनील कोटनाला तीसरी पीढ़ी के भारतीय सेना अधिकारी हैं। अपनी 25 वर्षों की सेवा में उनके पास व्यापक कार्यक्षेत्र था, जिसमें उत्तर में हिमालय की ऊँचाई से लेकर दक्षिण में हिंद महासागर तक, पश्चिम में रेगिस्तान से लेकर उत्तर-पूर्व के घने जंगल तक शामिल थे। उन्होंने कश्मीर घाटी में और उग्रवाद से प्रभावित उत्तर-पूर्व में तीन कार्यकाल तक सेवा की, जहाँ उन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ कई खुले और गुप्त अभियान चलाए। सुनील एक उत्सुक पर्वतारोही हैं। उन्होंने गढ़वाल हिमालय में त्रिशूल एवं शिवलिंग पर्वत की चढ़ाई के दो अभियानों का नेतृत्व किया है। उन्हें उत्कृष्ट सेवाओं के लिए चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन कार्ड एवं जनरल ऑफिसर कमांडिंग और नॉर्दर्न कमांड कमेंडेशन कार्ड से दो बार सम्मानित किया गया। सुनील 25 वर्षों से अधिक समय तक देश की सेवा से प्राप्त अपने अनुभवों को बड़े पैमाने पर पाठकों के साथ साझा करने के लिए उत्सुक थे। वे वर्ष 2009 में मुंबई चले गए और सीधे अपनी पहली पुस्तक के लेखन कार्य में लग गए, जो अब आपके हाथों में है। सुनील से [email protected] पर संपर्क किया जा सकता है।