संजय अग्रवाल एक ऐसे सशक्त और ऊर्जावान कवि हैं, जो अपने जज्बे, एहसास, शिद्दत और सच्चाई के बल पर अपनी रचनाएँ सृजित करते हैं | उनका लेखन अत्यंत सरल है, किंतु हृदय पर गहरी छाप छोड़ने की ताकत रखता है। उनकी कविताओं में आपको वह सहजता और संवेदना मिलेगी, जो केवल अहसासों की गहराइयों को छूकर ही आती है। वे इस जीवन के चंचल पलों को पूरी तरह जीने में विश्वास रखते हैं; क्योंकि उनका मानना है कि यह बदलाव, यह चंचलता, यह अनुभव ही उनके लेखन को नई अभिव्यक्ति देनेवाली खान है। एक व्यावसायिक परिवार में जनमे और सिलीगुड़ी के रहनेवाले संजय ने प्रतिष्ठित सिविल सेवाओं के लिए साक्षात्कार में भाग लिया, पर अंतिम चरण में अपने पहले प्यार को प्राप्त करने में विफल रहे। वह एक एजुकेटर, इंटपप्रेन्योर, रेस्टॉस्टूर, रियल्टी एक्सपर्ट तथा उभरते कवि हैं । बढ़ती उम्र में उन्होंने संगीत के लिए जुनून विकसित किया और गजलों के एक उत्साही अनुयायी बन गए। भावनाओं के सैलाब ने लेखनी जारी रखी और आज उसी जिंदगी के समुद्र से चुन-चुनकर लाए नए अहसासों के मोतियों को पिरोकर वे अपने संकलन के साथ तैयार हैं, जिसका शीर्षक है--' रूहानी सफ़र ।