• Dr Kalam Guru Gyan

Dr Kalam Guru Gyan

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ISBN : 9789352660865
Publisher : Prabhat Prakashan; First Edition (1 January 2020); Prabhat Prakashan Pvt. Ltd., 4/19, Asaf Ali Raod, New Delhi-110002 (PH: 7827007777) Email: [email protected]
Author : srijan pal singh
Binding : Paperback
Weight : 0.17 (in KGs)
Category : Hindi
Sub Category : Self Help
Sub Sub Category : N/A
Sub Category 2 : N/A

डॉ. कलाम को देश के युवाओं में अगाध विश्वास था। वे देश के कल्याण को लेकर इस कदर चिंतित रहते थे कि अपने जीवन के आखिरी दो घंटे उन्होंने आतंक और संसद् की काररवाई ठप होने के खतरों पर चर्चा करते हुए बिताए थे। अपने आखिरी क्षणों में भी उनका भरोसा कायम था कि युवा, खास तौर पर छात्र तमाम पीड़ादायी मुद्दों के समाधान लेकर देश के लिए आगे आएँगे। नई पीढ़ी के प्रज्वलित मस्तिष्क के प्रति उनका विश्वास हमेशा बना रहा, जिसे वे धरती पर सबसे बहुमूल्य उपहार मानते आए थे। मुझे इस महान् आत्मा के साथ बेहद करीब से काम करने का मौका मिला। लोगों के लिए भले वे मिसाइलमैन रहे हों, मेरे लिए वो हमेशा ‘स्माइलमैन’ ही रहेंगे। दुनिया ने उन्हें अंतरिक्ष विज्ञानी के तौर पर देखा, जिसने उपग्रहों को धरती के चारों ओर घूमते हुए देखा। मैंने उन्हें एक महान् आत्मा के तौर पर देखा, जिसने लोगों को सपने देखने का उपहार दिया—सपने और उनको सच करने का साहस प्रदान किया। दुनिया ने मात्र उनके कामों को देखा, जबकि मैं खुशकिस्मत रहा कि मुझे उनके भावनात्मक हिस्से का भी गवाह बनने का मौका मिला। वे एक वैज्ञानिक, संत, लेखक, शिक्षक, कवि और दार्शनिक थे, सब मिलाकर वे स्नेह और बुद्धिमत्ता का एक पुंज थे। आइए, अब मैं आपको एक हैरतअंगेज सफर पर ले चलता हूँ—एक ऐसा सफर, जिस पर चलते हुए मैंने डॉ. कलाम से काफी कुछ सीखा।

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