Jainendra Kumar Ki Lokpriya Kahaniyan

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ISBN : 9789355210012
Publisher : Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.; First Edition (4 January 2022); Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
Author : jainendra kumar
Binding : Paperback
Weight : 0.24 (in KGs)
Category : Hindi
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जैनेन्द्र अपने समय के सर्वाधिक पढ़े जानेवाले लेखक रहे हैं। उनके द्वारा लिखी गई ‘जनता में’, ‘पत्नी’, ‘तत्सत्’, ‘पाजेब’ तथा ‘पढ़ाई’ आदि कहानियों में कुछ नए कथा-प्रसंग हैं। ‘जनता में’ कहानी रेल के तीसरे दर्जे के डिब्बे में यात्रा करने का अनुभव है। इसमें भी एक बालक है, जो दस यात्रियों के आकर्षण का केंद्र है, पर लेखक अंत में लोक-संशय से हिंदू-मुसलमान का प्रश्न उठा देता है। ‘पत्नी’ कहानी में पत्नी की सेवा, विवशता तथा भारतमाता की स्वतंत्रता के लिए हिंसा या अहिंसा के रास्ते पर मित्रों में बहस होती है। कालीचरण का मत है कि आतंक विवेक को कुंठित करता है और उसके मित्रों का मत है कि बाघ को मारने के लिए आतंकवाद जरूरी है। ‘तत्सत्’ एक दार्शनिक कहानी है, जो आदमी तथा जंगल के वृक्षों तथा जानवरों के माध्यम से कही गई है। बड़ दादा नायक है और सभी इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि वह ही अर्थात् ब्रह्म ही सर्वत्र है।

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