देश के प्रखर पत्रकार एवं संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी द्वारा देश के प्रसिद्ध राजनीतिज्ञों से लिये साक्षात्कारों का पठनीय संकलन | कैमरे की मौजूदगी साक्षात्कार लेने और देनेवाले अर्थात् दोनों को ही कहीं अधिक सचेत और ईमानदार होने के लिए बाध्य कर देती है। आप थोड़ा-बहुत भी दाएँ-बाएँ होने की कोशिश करेंगे तो चेहरे के भाव में परिवर्तन और आवाज की लड़खड़ाहट तुरंत दर्शक को आपके विचलन का अहसास करा देगी। फिर इस पुस्तक के कई साक्षात्कार तो लाइव अर्थात् सीधे प्रसारित किए गए थे, इसलिए उनके संपादित होने की कोई गुंजाइश ही नहीं थी। इन साक्षात्कारों में हुई बीतचीत दर्शकों और पाठकों को इस दौर की सियासी सोच से रूबरू कराने में कामयाब रही । यह पुस्तक इस दौर की राजनीतिक परिस्थितियों का जायजा लेने में मददगार रहेगी। पुस्तक का शीर्षक 'सार्थक संवाद' महत्त्वपूर्ण है। पिछले कुछ समय से हमारे बीच में संवाद ही गायब होता जा रहा है, तो उसके सार्थक होने का सवाल ही कहाँ रह जाता है ? कोशिश रही है कि बातचीत महज हंगामा पैदा करने के लिए नहीं हो बल्कि किसी सकारात्मक मुकाम को हासिल करे। ऐसा होना ही संवाद को सार्थकता प्रदान करना है, इसीलिए नाम दिया गया है ' सार्थक संवाद '।