नेताजी सुभाषचंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को हुआ था। 1919 में बी.ए. (ऑनर्स) की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। पिता की इच्छा से सुभाष आई.सी.एस. बने। गांधीजी के विरोध के बावजूद सुभाषबाबू 203 मतों से कांग्रेस के अध्यक्ष का चुनाव जीत गए। आखिर में तंग आकर 29 अप्रैल, 1939 को सुभाष ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। 3 मई, 1939 को सुभाष ने कांग्रेस के अंदर ही फॉरवर्ड ब्लॉक के नाम से अपनी पार्टी की स्थापना की। घर की नजरबंदी से निकलकर 29 मई, 1942 को सुभाष जर्मनी के सर्वोच्च नेता एडॉल्फ हिटलर से मिले। 21 अक्तूबर, 1943 को नेताजी ने सिंगापुर में आर्जी-हुकूमते-आजाद-हिंद (स्वाधीन भारत की अंतरिम सरकार) की स्थापना की। वे खुद इस सरकार के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और युद्धमंत्री बने। अपनी फौज को प्रेरित करने के लिए नेताजी ने 'दिल्ली चलो' का नारा दिया। दोनों फौजों ने अंग्रेजों से अंदमान और निकोबार द्वीप जीत लिये। नेताजी ने अपने बहुआयामी स्वतंत्रता संघर्ष के संदर्भ में अगणित पत्र लिखे, भाषण दिए एवं रेडियो के माध्यम से भी उनके व्याख्यान प्रसारित हुए। 18 अगस्त, 1945 को नेताजी कहाँ लापता हो गए और उनका आगे क्या हुआ, यह भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा अनुत्तरित रहस्य है।