डॉ. रानी शंकर दलित परिवार में जनमी महिला हैं। लगभग 19 वर्ष एक राष्ट्रीयकृत बैंक में अधिकारी एवं प्रबंधक के रूप में कार्य करने के उपरांत भगिनी निवेदिता कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय) में 22 वर्ष अध्यापन के पश्चात सेवा-निवृत्त। उदय शंकर बी.कॉम., सी.ए.आई.आई. बी., एक ब्राह्मण परिवार में जनमे। बैंक में विभिन्न स्तरों पर काम करने के पश्चात वर्ष 2000 से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति उपरांत अपने व्यवसाय में संलग्न। भारतवर्ष के विभिन्न राज्यों में विविध स्तरीय कार्य के दौरान दोनों को जानने का अवसर मिला कि व्यवस्था और उससे पोषित-संवर्धित जातिवाद व भ्रष्टाचार का विष किस प्रकार दलित वर्ग को दयनीय स्थिति की ओर ले जा रहा है। यह पुस्तक इस विषय की गहन पड़ताल करके व्यावहारिक समाधान का पथ प्रशस्त करती है।