Ek Sarkari Babu Ke Notes

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ISBN : 9789390825011
Publisher : Prabhat Prakashan Pvt. Ltd. (7 November 2022); Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
Author : madhav prasad singh
Binding : Paperback
Weight : 0.15 (in KGs)
Category : Hindi
Sub Category : Self Help
Sub Sub Category : N/A
Sub Category 2 : N/A

माधव प्रसाद सिंह बनारस के बिल्कुल अंत की तरफ बसे गाँव डेढ़गाँवा में जनवरी 1940 में जन्म हुआ। पिता श्री राम सकल सिंह खेती-किसानी करते थे। घरमें तीन बड़े भाई और दो बहनें थीं। बेहद औसत आर्थिक हालात वाले परिवार में पले-बढ़े होने के बाद भी शिक्षा को लेकर बहुत उत्साहित रहे। अंग्रेजी में एम.ए. किया। पूरे गाँव में इक्का-दुक्का लोग ही शायद शिक्षा के इस स्तर पर गए होंगे। आखिरी समय तक शिक्षकों का बहुत सम्मान करते रहे। नौकरी के सिलसिले में इलाहाबाद आए। यहीं जीवनयापन रहा। इलाहाबाद में ही गंगा किनारे अपना निवास बनाया। ए.जी. ऑफिस में वरिष्ठ लेखा परीक्षा अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए। 16 नवंबर, 2020 को बनारस में देहावसान हुआ। ममता कालिया सन्‌ 1992 में अंततः हम लोग मेहदौरी कॉलोनी में रहने आए। यहाँ साफ-सुथरी सड़कें थीं। खुली हवा और मनभावन हरियाली। यहाँ रहनेवालों का मुख्य शौक टहलना था। यहीं हम लोगों का परिचय श्री एम.पी. सिंह से हुआ था। मेरा छोटा बेटा और सिंह साहब का छोटा बेटा दोनों दोस्त भी थे। इन दोनों का एक- दूसरे के घर आना-जाना भी था। सिंह साहब भी कई सुबह टहलने के बाद कुछ देर के लिए हमारे घर आ जाते। उनका घर हमसे एक सड़क आगे था। सिंह साहब का घर अलग तरीके से बना हुआ था, जिसमें उन्होंने अपने परिवार की जरूरत के हिसाब से इफरात कमरे बनवा रखे थे। सिंह साहब बहुत सज्जन व्यक्ति थे। ए.जी. ऑफिस में काम करते थे। उन्हें अंग्रेजी साहित्य के उद्धरण सुनाने का बड़ा शौक था।

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